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02 January, 2024

Family Pension के लिए महिला कर्मचारी अपने बच्चों को नामित कर सकेगी, सरकार का फेसला

 

महिला सशक्तिकरण नीति का पालन करते हुए पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने सीसीएस (पेंशन) नियम, 2021 में संशोधन किया, जिससे सरकारी महिला कर्मचारी को अपने पति की वरीयता में पारिवारिक पेंशन के लिए अपने बच्चे/बच्चों को नामित करने में मदद मिलेगी

Posted On: 02 JAN 2024 12:16PM by PIB Delhi

सीसीएस (पेंशन) नियम2021 के नियम 50 के उप-नियम (8) और उप-नियम (9) के प्रावधानों के अनुसारयदि किसी मृत सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी के पति या पत्नी परिवार में हैतो पहले पति या पत्नी को पारिवारिक पेंशन दी जाती है। इसके बाद ही बच्चे एवं परिवार के अन्य सदस्य पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र होते हैंजब मृतक सरकारी कर्मचारी/पेंशनभोगी के पति या पत्नी पारिवारिक पेंशन के लिए अपात्र होते हैं या उनकी मृत्यु हो जाती है।

पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग को मंत्रालयों/विभागों से बड़ी संख्या में ऐसे संदर्भ प्राप्त हुए, जिनमें सलाह मांगी गई थी कि क्या वैवाहिक कलह की वजह से न्यायालय में तलाक की कार्यवाही दायर किए जाने की स्थिति में या घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, दहेज निषेध अधिनियम या भारतीय दंड संहिता के तहत मामला दर्ज करने की स्थिति में किसी सरकारी महिला कर्मचारी/महिला पेंशनभोगी को उसके पति या पति के स्थान पर अपने पात्र बच्चे/बच्चों को पारिवारिक पेंशन के लिए नामित करने की अनुमति दी जा सकती है।

तदनुसारअंतर-मंत्रालयी परामर्श के बादयह निर्णय लिया गया है कि यदि किसी सरकारी महिला कर्मचारी/महिला पेंशनभोगी के संबंध में तलाक की कार्यवाही न्यायालय में लंबित हैया सरकारी महिला कर्मचारी/महिला पेंशनभोगी ने अपने पति के खिलाफ घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम या दहेज प्रतिषेध अधिनियम या भारतीय दंड संहिता के तहत मामला दर्ज किया है। ऐसी सरकारी महिला कर्मचारी/महिला पेंशनभोगी अपनी मृत्यु के बाद अपने पात्र बच्चे/बच्चों को पारिवारिक पेंशन दिए जाने के लिए अपने पति को वरीयता देते हुए अनुरोध कर सकती है और ऐसे अनुरोध पर निम्नलिखित तरीके से विचार किया जा सकता है:

  •  जहां सरकारी महिला कर्मचारी/महिला पेंशनभोगी के संबंध में तलाक की कार्यवाही सक्षम न्यायालय में लंबित है या सरकारी महिला कर्मचारी/महिला पेंशनभोगी ने अपने पति के खिलाफ घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम या दहेज प्रतिषेध अधिनियम या भारतीय दंड संहिता के तहत मामला दर्ज कराया हैउक्त सरकारी महिला कर्मचारी/महिला पेंशनभोगीसंबंधित कार्यालय प्रमुख को इस आशय का लिखित अनुरोध कर सकती है किउपर्युक्त किसी भी कार्यवाही के लंबित रहने के दौरान उसकी मृत्यु होने की स्थिति मेंउसके पति या पत्नी की वरीयता में उसके पात्र बच्चे/बच्चों को पारिवारिक पेंशन प्रदान की जाए;
  • उपर्युक्त किसी कार्यवाही के लंबित रहने के दौरान खंड (ए) के अधीन अनुरोध करने वाली सरकारी महिला कर्मचारी/महिला पेंशनभोगी की मृत्यु होने की स्थिति में पारिवारिक पेंशन निम्नलिखित तरीके से संवितरित की जाएगीअर्थात्:
  1. जहां मृत सरकारी महिला कर्मचारी/महिला पेंशनभोगी के परिवार में विधुर है और सरकारी महिला कर्मचारी/महिला पेंशनभोगी की मृत्यु की तारीख को कोई भी बच्चा/बच्चे पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र नहीं हैवहां विधुर को पारिवारिक पेंशन देय होगी।
  2. जहां मृत सरकारी महिला कर्मचारी/महिला पेंशनभोगी के परिवार में अवयस्क बच्चे/बच्चों के साथ विधुर या मानसिक विकार या दिव्‍यांगता से पीड़ित बच्चा/बच्चे हैंमृतक के संबंध में पारिवारिक पेंशन विधुर को देय होगीबशर्ते कि वह ऐसे बच्चे/बच्चों का अभिभावक हो और यदि विधुर ऐसे बच्चे/बच्चों का अभिभावक नहीं रह जाता हैऐसी स्थिति में पारिवारिक पेंशन उस व्यक्ति के माध्यम से बच्चे को देय होगी जो ऐसे बच्चे/बच्चों का वास्तविक अभिभावक है। जहां नाबालिग बच्चावयस्क होने के बादपारिवारिक पेंशन के लिए पात्र होगाऐसे बच्चे को पारिवारिक पेंशन उस तारीख से देय होगी जिस दिन वह वयस्क हो जाएगा।
  3. जहां मृत महिला सरकारी कर्मचारी/महिला पेंशनभोगी के परिवार में विधुर हैजिसके बच्चा/बच्चे वयस्क हो चुके हैं/हैंलेकिन पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र हैं या हैंऐसे बच्‍चे/बच्चों को पारिवारिक पेंशन देय होगी।
  4. सीसीएस (पेंशन) नियम, 2021 के नियम 50 के तहत उपरोक्त खंड (ii) और (iii) में निर्दिष्ट बच्चा/बच्चे पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र नहीं होने की स्थिति मेंपारिवारिक पेंशन के लिए पात्र अन्य बच्चा/बच्चेयदि कोई होंको पारिवारिक पेंशन देय होगी।
  5. सीसीएस (पेंशन) नियम, 2021 के नियम 50 के तहत सभी बच्चों के पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र होने के बादविधुर को उसकी मृत्यु या पुनर्विवाह तकजो भी पहले होपारिवारिक पेंशन देय होगी।

यह संशोधन प्रगतिशील प्रकृति का है और इससे महिला कर्मचारियों/पेंशनभोगियों को सशक्त बनाया जा सकेगा।


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